दो गधों का बोझ : अकबर - बीरबल कहानियाँ || Do gadhon ka bojh: Akbar- Birbal Kahaniyan

दो गधों का बोझ : अकबर - बीरबल कहानियाँ 



फ़रवरी महीने की प्रातः को बादशाह अकबर उनका पुत्र सलीम और बीरबल सिर को निकले । टहलते टहलते 

काफी दूर निकल  गए । 

वापस लौटते समय , सूर्य जब काफी ऊपर चढ़ गया , तो बादशाह ने अपना भारी लिबास , गर्मी की वजह से 

निकालकर बीरबल की ओर बढ़ा दिया । बाप की देखा देखि बेटे ने भी ऐसा ही किया । 

दो लिबासों का काफी बोझ देख बादशाह अकबर को मजाक करने की सूझी । वे बोले - " बीरबल ,अब तो तुम्हारे

ऊपर एक गधे का बोझ हो गया होगा । "

बीरबल ने तत्काल उतार दिया - " जहाँपनाह , एक का नहीं , बल्कि दो गधों का बोझ हो गया है । 

 यह तीखा प्रतिउतर सुनकर बादशाह झेंप गए । 


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