मा ला दो , बहन दो : अकबर - बीरबल कहानियाँ
बादशाह अकबर और बीरबल साथ में नाव में सवार होकर नदी सैर को निकले । वे आपस में हंसी - मजाक
की बातचीत भी कर रहे थे । इसी पर बादशाह को बीरबल पर हंसी करने की सूझी । उन्होंने अपने गले में
पहनी फूलों की माला उतारकर नदी में फेंक दी और बीरबल से बोले - " मा ला दो । "
बिरबल भी समझ गए की बादशाह मजाक कर रहे हैं । वह उनकी दो अर्थी बात समझकर बोले - " बहन दो । "
बादशाह अकबर ये सुनकर अप्रशन्न होकर बोले - " तुम मेरी बहन मांग रहे हो ।"
बीरबल ने विनम्र स्वर में कहा - " जहाँपनाह , आपने मा ला दो की बात कही तो मैं तो बुरा नहीं माना । "
इस तरह बादशाह अकबर को बीरबल की चाल का पता चला । और वे हंसने लगे ।
0 Comments:
एक टिप्पणी भेजें