जी मेहरबान : अकबर - बीरबल कहानियाँ || Ji Mehrbaan : Akbar-Birbal Kahaniyan

 जी मेहरबान : अकबर - बीरबल कहानियाँ 



एक दिन बादशाह अकबर ने बीरबल के सामने अपने विचार प्रकट किए - " क्यों बीरबल , जिन लोगों के नाम 

या पदवी के आखिर में  ' वान ' या ' बान ' लगा होता है । वे ज्यादातर लोग कम अक्ल वाले और छोटा काम 

करने वाले होते हैं न ? जैसे की कोचवान , दरबान , पहलवान ठीक कहा न मैंने - ? 

" जी मेहरबान - ' बीरबल ने बड़े अदब से कहा । 

बादशाह चौंके और हंसने लगे - "समझ गए की बीरबल ने स्वयं उनके शब्दजाल में उन्हें ही फंसा दिया है । "

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