Best Shayari of Gulzar





सम्पूर्ण सिंह कालरा उर्फ़ गुलज़ार भारतीय गीतकार,कवि, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्देशक तथा नाटककार हैं। गुलजार को हिंदी सिनेमा के लिए कई प्रसिद्ध अवार्ड्स से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें 2004 में भारत के सर्वोच्च सम्मान पद्म भूषण से भी नवाजा जा चूका है। इसके अलावा उन्हें 2009 में डैनी बॉयल निर्देशित फिल्म स्लम्डाग मिलियनेयर मे उनके द्वारा लिखे गीत जय हो के लिये उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीत का ऑस्कर पुरस्कार पुरस्कार मिल चुका है। इसी गीत के लिये उन्हे ग्रैमी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।


पृष्ठभूमि


सम्पूर्ण सिंह कालरा उर्फ़ गुलज़ार का जन्म 18 अगस्त 1936 में दीना, झेलम जिला, पंजाब, ब्रिटिश भारत में हुआ था, जोकि अब पाकिस्तान में है।  गुलज़ार अपने पिता की दूसरी पत्नी की इकलौती संतान हैं। उनके पिता का नाम माखन सिंह कालरा और माँ का नाम सुजान कौर था।  जब गुलजार बेहद मासूम और छोटे थे तभी उनकी माँ का इंतकाल हो गया।  देश के विभाजन के वक्त इनका परिवार पंजाब के अमृतसर में आकर बस गया। वहीं गुलज़ार साहब मुंबई चले आए।  मुंबई आकर उन्होंने एक गैरेज में बतौर मैकेनिक का करना शुरू कर दिया।  वह खाली समय में शौकिया तौर पर कवितायें लिखने लगे।  इसके बाद उन्होंने गैरेज का काम छोड़ हिंदी सिनेमा के मशहूर निर्देशक बिमल राय, हृषिकेश मुख़र्जी और हेमंत कुमार के सहायक के रूप में काम करने लगे।  

शादी 

गुलज़ार की शादी तलाकशुदा अभिनेत्री राखी गुलजार से हुई हैं।  हालंकि उनकी बेटी के पैदाइश के बाद ही यह जोड़ी अलग हो गयी।  लेकिन गुलजार साहब और राखी ने कभी भी एक-दूसरे से तलाक नहीं लिया।  उनकी एक बेटी हैं-मेघना गुलजार जोकि एक फिल्म निर्देशक हैं।  

करियर 

गुलजार का हिंदी सिनेमा में करियर बतौर गीत लेखक एस डी बर्मन की फिल्म बंधिनी से शुरू हुआ। साल 1968 में उन्होंने फिल्म आशीर्वाद का संवाद लेखन किया।  इस फिल्म में अशोक कुमार नजर आये थे। इस फिल्म के लिए अशोक कुमार को फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर का अवार्ड भी मिला था। इसके बाद उन्होंने कई बेहतरीन फिल्मों के गानों के बोल लिखे जिसके लिए उन्हें हमेशा आलोचकों और दर्शकों की तारीफें मिली। साल 2007 में उन्होंने हॉलीवुड फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर का गाना जय हो लिखा।  उन्हें इस फिल्म के ग्रैमी अवार्ड से भी नवाजा गया। उन्होंने बतौर निर्देशक भी हिंदी सिनेमा में अपना बहुत योगदान दिया हैं  . उन्होंने अपने निर्देशन में कई बेहतरीन फ़िल्में दर्शकों को दी हैं।जिन्हे दर्शक आज भी देखना पसंद करते हैं।  

उन्होंने बड़े पर्दे के अलावा छोटे पर्दे के लिए भी काफी कुछ लिखा है। जिनमे दूरदर्शन का शो जंगल बुक भी शामिल है।  
 
प्रसिद्ध फ़िल्में बतौर निर्देशक

मेरे अपने, परिचय, कोशिश, अचानक, खुशबू, आँधी, मौसम,किनारा, किताब, अंगूर, नमकीन, मीरा, इजाजत, लेकिन, लिबास, माचिस, हु तू तू। 

गीत लेखन

ओमकारा, रेनकोट, पिंजर, दिल से, आँधी, दूसरी सीता, इजाजत





 कौन कहता है 

दिल दो नहीं होते ,

पति की दहलीज पर बैठी 

बाप की बेटी से पूछो

 


आखिर क्यों रिश्तों 

की गलियां इतनी तंग है ,

शुरुआत कौन करें 

यही सोचकर बात बंद है .. !!



सोचा था की वो बहुत 

टूटकर चाहेंगे मुझे ,

लेकिन चाह भी हमने 

और टूटे भी हम .. 



कभी ना टूटने वाला 

वादा करोगी ,

क्या इस जन्माष्टमी तुम 

मेरी राधा बनोगी ॥

 


बहुत महंगा हो गया है 

इश्क आजकल जनाब ,

अब उसे पहली मुलाकात में 

दिल नहीं तोहफे चाहिए ॥

 


जो हम रूठ जाए तो 

हमें मनाए कौन ?

बस इसी फिक्र में 

खुश रह लेते हैं .. !!



हमें नहीं कबूल उनका 

किसी और से रिश्ता ,

वो नफरत भी करें तो 

बस हमसे करें .. 



इश्क करने के बाद कुछ 

यूं हादसा हुआ ,

यादें तो साथ रह गई 

और जज़्बातों का तमाशा हुआ .. 



मोहबत तब ही करो जब उसे 

निभा सको , बाद में मजबूरीयों का 

सहारा लेकर किसी को 

छोड़ देना वफादारी नहीं होती ..

 


यदि प्रेम का मतलब सिर्फ 

पा लेना होता ,

तो हर हृदय में राधा -कृष्ण 

का नाम ही होता 



कभी किसी की हैसियत 

देखकर मोहबत मत 

करना जनाब ,

हो सकता है गरीब कपड़ों में 

बहुत अमीर दिल छुपा हो ..

 


 मोहब्बत है तुमसे 

इसलिए खूबशूरत लगती हो ,

खूबसूरत हो इसलिए ,

मोहब्बत नहीं है .. 



ये सोचकर की वो 

खिड़की से झांक लें ,

उसकी गली के बच्चे 

आपस में लड़ा दिए मैंने ..

 


मेरे शबदों को इतना गौर से 

मत पढ़ा कीजिए जनाब ,

थोड़ा बहुत भी याद रह जाएगा 

तो मुझे भूल नहीं पाओगे ..

 


हक उतना ही जताइए

जितना जायज लगे ,

रिश्ता फेरों का हो या 

मोहब्बत का ,

घुटन न लगे ॥ 



 चाहो तो तुम भी हाल 

पूछ सकते हो हमारा .. 

कुछ हक दिए नहीं जाते ,

लिए जाते है ..!!



सब कुछ बदला था 

जब बरसों बाद मिले ,

हाथ भी ना थाम सके 

वो इतने पराए से लगे

 



तेरा नाम था आज किसी 

अजनबी की जुबान पे 

बात तो जरा सी थी पर 

दिल ने बुरा मान लिया .. 



हुस्न के कसीदे तो 

गढ़ती रहेगी महफिलें ,,,,,

झुर्रियां प्यारी लगे तो ,

मान लेना इश्क है .. 





दिल की उम्मीदों का 

हौसला तो देखो 

इंतजार उसका हैं 

जिसको अहसास तक नहीं .. 



सबकी जिंदगी में एक ऐसा शख्स जरूर होता है ,

जो किस्मत में नहीं , 

लेकिन दिल और दिमाग में

हर वक़्त राहत है 


तू चेहरे की बढ़ती 

सलवटों की परवाह ना कर ,

हम लिखेंगे अपनी शायरी में 

हमेशा जवां तुझको .. !!!



यूं मुकम्मल तो ना हुआ 

एकतरफा प्यार जो था ,

पर फिर उस कदर 

किसी से ना हुआ ,

पहला प्यार जो था .. 




नींद उड़ाकर मेरी 

कहते है वो की सो जाओ 

कल बात करेंगे ,

अब वो ही हमें समझाए की 

कल तक हम क्या करेंगे .. 



सूखे पत्ते खुद झड़ जाते है 

उन्हे झाड़ना नहीं पड़ता ,

इश्क में लोग खुद मर जाते है ,

उन्हें मारना नहीं पड़ता .. 



दोनों ही मजबूर रहे 

अपने अपने दायरे में ,

एक इश्क कर न सका और 

एक इश्क भूल ना सका .. 



वो करीब तो बहुत है 

मगर कुछ दूरियों के साथ ,

हम दोनों जी तो रहे है 

पर मजबूरीयों के साथ 



एक आवाज ही काफी है 

हजारों के शोर में ,

मैं एक जुगनू से इश्क करता हूँ ,

तारों के दौर में .. 




उस रिश्ते को भी निभाया हमने ,

जिसमें ना मिलना पहली शर्त थी ..




ना सोचा करो की 

हम भूल जाएंगे तुमको ,

ना तुम इतने आम हो 

ना ये मेरे बस की बात है .. 



एक तेरी जिद ने 

हमें किस हाल में ला दिया ,

जो जज़्बात सिर्फ 

तेरे लिए थे ,

उसे जमाना पढ़ रहा है .. 



सब कुछ बदल गया था 

जब बरसों बाद मिले ,

हाथ भी ना थाम सके 

वो इतने पराए से लगे ..

 


बहुत खूबसूरत 

होता है पहला प्यार,

पर पता नहीं क्यों 

अधूरा रह जाता है .. 



पूछा था हाल उन्होंने 

बड़ी मुद्दतों के बाद ,

कुछ गिर गया है आँख में 

कह कर हम रो पड़े .. 



तेरे प्यार की हिफाजत 

कुछ इस तरह से की मैंने ,

जब भी किसी ने प्यार से देखा 

तो नजरें झुका ली मैंने .. 




बढ़ती गई दिन-ब -दिन 

उनकी मनमार्जियाँ ,

फिर हुआ यूं की 

हम फिर से अजनबी हो गए .. 




हसरतें पूरी न हो तो 

न सही ,

पर खवाब देखना कोई 

गुनाह तो नहीं .. 



नहीं बसती किसी और की सूरत 

अब इन आँखों में,

काश हमने तुझे इतने गौर से

 ना देखा होता .. 



कसूर उनका नहीं 

हमारा ही है दोस्त ,

हमारी चाहत ही इतनी थी 

की उनको गुरूर हो गया .. 




तुम्हें पा लेते तो 

किस्सा खतम हो जाता ,

तुम्हें खोया है तो 

यकीनन कहानी लंबी चलेगी.. 




सच्चा प्यार चाहे 

दो पल के लिए हो मगर 

अहसास जिंदगी भर 

के लिए दे जाता है .. 



मुझे मोहब्बत की 

तहजीब मत सिखाओ ,

मैंने एक उम्र उसे 

दूर से देखकर चाह है .. 



कितने ही लोग 

क्यों न हो तुम्हारे पास ,

उस इंसान के बिना आकेलापन 

ही महसूस होता है .. 




ना जाने कौन सी दौलत है ,

कुछ लोगों के शब्दों में.. 

बात करते है तो ,

मन ही खरीद लेते हैं .. !!!!




प्रेम जिद से नहीं 

किस्मत से मिलता है जनाब ,

वरना पूरी दुनिया का मालिक 

अपनी राधा के बिना नहीं रहता ।। 





हँसकर कबूल क्या 

कर ली सजाएँ मैंने ,

आपने तो दस्तूर ही बना लिया 

हर इल्जाम मुझ पर लगाने का .. 



खामोशीयां  बोल देती है 

जिनकी बातें नहीं होती ,

इश्क वो भी करते है जिनकी 

मुलाकात नहीं होती .. 




प्यार छोड़ो तुम मेरे दोस्त 

ही बने रहना ,

सुना है प्यार मुकर जाता है 

लेकिन यार नहीं .. 



वो करते है बात इश्क की 

जिन्हे इश्क के दर्द का 

एहसास नहीं ,

इश्क वो चाँद है जो दिखता 

तो सबको ,पर पाना सबके 

बस की बात नहीं .. 




कोई जिस्म पर अटक गया 

कोई दिल पर अटक गया ,

इश्क उसका ही मुकम्मल हुआ 

जो रूह तक पहुँच गया .. 



अगर इश्क करना है तो 

जज़्बातों को 

अहमियत देना सीखो,

चेहरे से शुरू हुई मोहब्बत अक्सर 

बिस्तर पर खत्म हो जाती है ॥ 



 कुछ फासले 

ऐसे भी होते है जनाब .. 

जो तय तो नहीं होता ,

मगर नजदीकियाँ 

कमाल की रखते है .. !!!



एक बार उसने कहा था ,

मेरे सिवा किसी से

प्यार ना करना,

बस फिर क्या था ,

तब से मोहब्बत की नजर से 

हमने खुद को भी नहीं देखा .. 



ये इश्क मोहब्बत की 

रिवायत भी अजीब है ,

पाया नहीं है जिसको 

उसे खोना भी नहीं चाहते .. 



वजह पूछने का 

मौका ही नहीं मिला ,

वो लहजा बदलते गए और 

हम अजनबी होते गए .. !!!




तुम खास थे ,

इसलिए हम लड़े तुमसे.. 

पराए होते तो ,

मुस्कुराकर जाने देते .. !!!



रूठ जाने के बाद 

कसूर चाहे किसी का भी हो ,

बात का आगाज वही करेगा 

जिसे बेपनाह मोहब्बत हो .. 




नया नया शौक उन्हे रूठने का 

लगा है ,खुद ही भूल जाती है ,

की रूठी किस बात पर .. 




हुस्न का क्या काम 

सच्ची मोहब्बत में ,

रंग सांवला भी हो तो 

यार कातिल लगता है .. 




होगी कितनी चाहत 

उस दिल में ,

जो खुद ही मान जाए 

कुछ पल खफा होने के बाद .. 




अजीब उलझन में उलझा 

तिरंगे मुझे खेद है ,

दिन तो आजादी का पर 

हम घरों में कैद है .. 





बेशक खवाहिशें चाँद की रखो ,

मगर कुबूल उसका दाग भी करो .. 





वो आज करते है 

नजर अंदाज तो बुरा क्या मानूँ ,

टूट कर पागलों की तरह 

मोहब्बत भी तो सिर्फ मैंने की थी .. 





खत्म हो जाता है जब 

जिस्म वाला इश्क ,

तोहफा नाली में 

फेंक देते है लोग ..

 




जिक्र तेरा हुआ तो 

हम महफ़िल छोड़ आए ,

हमें गैरों के लबों पर 

तेरा नाम अच्छा नहीं लगता.... 





 रुख मंदिर का किया था 

उसे भुलाने के लिए ,

दुआ में हाथ क्या उठे 

फिर उसी को मांग बैठे .... !!!!!





चखकर देखी है ,

कभी तन्हाई तुमने .... 

मैंने देखी है ,

बड़ी ईमानदार लगती है ....!!!




 क्या उनको भी याद करती 

है दुनिया ,

जिनको मौत से पहले 

मोहब्बत मार देती है .... 





खुश तो वो रहते है जो 

जिस्मों से मोहब्बत करते है ,

रूह से मोहब्बत करने वालों को 

अक्सर तड़पते ही देखा है .... 



तेरी दुनिया का यह दस्तूर भी 

अजीब है ए खुदा ,

मोहब्बत उनको मिलती  है 

जिन्हे करनी नहीं आती .... 




इन आँखों को जब 

तेरा दीदार हो जाता है ,

दिन कोई भी हो लेकिन 

त्योहार हो जाता है






 माना की दूरियाँ 

कुछ बढ़ सी गई है ,

लेकिन तेरे हिस्से का वक़्त

आज भी तन्हा गुजरता है 




दुनिया में मोहब्बत 

इसलिए बरकरार है ,

क्योंकि एकतरफा प्यार 

आज भी वफादार है .... 




दाद देते है तुम्हारे नजरअंदाज 

करने के हुनर को 

जिसने भी सिखाया वो 

उस्ताद कमाल का होगा .... 




जरूरी तो नहीं 

हर पल तेरे पास रहूँ 

मोहब्बत और इबादत 

दूर से भी की जाती है ....

 


एक हसरत थी कभी वो 

हमें मनाए ,

पर ये कमबख्त दिल 

कभी उनसे रूठा ही नहीं.... 




तहजीब हर औलाद को 

इतनी अच्छी मिले ,

न सड़कों पर माँ -बाप 

और न कचरे में 

कोई बच्ची मिले ....




 तु जरा सी 

कम खूबसूरत होती ,

तो भी बहुत खुबसूरत होती .... !!!!





तेरे मुस्कुराने का असर 

सेहत पर होता है ,

लोग पूछ लेते है.... 

दवा का नाम क्या है .... 





मुझे अच्छा 

नहीं लगता की 

तुम्हें कोई और अच्छा लगे । 





मोहब्बत के बाजार में 

हुस्न वालों की 

जरूरत नहीं होती ,

जिस पे दिल या जाए 

वही खास होता है ||





चेहरा तो मिल जाएगा 

हमसे भी खूबसूरत ,

पर जब बात दिल पे आएगी 

तो हार जाओगे .... 





तकदीर बनाने वाले 

तूने भी हद कर दी ,

नसीब में किसी और को लिख 

दिया और दिल में चाहत 

किसी और के लिए भर दी .... 





आज फिर किसी ने देखा 

मोहब्बत भरी निगाहों से ,

आज फिर हमने तुम्हारे खातिर 

अपनी नजरें झुका ली .... 





प्यार हो या परिंदा दोनों को 

आजाद छोड़ दो ,

अगर लौट आया तो तुम्हारा 

ना लौट तो 

तुम्हारा कभी था ही नहीं .... 







मुझे आदत नहीं 

यूं हर किसी पे मर मिटने की 

पर तुझे देखकर दिल ने 

सोचने तक की मोहलत नहीं दी .... 






जिस जिसने मोहब्बत में 

अपने महबूब को खुदा 

कर दिया , खुदा ने अपना 

वजूद बचाने के लिए 

उनको जुदा कर दिया .... !!






नहीं भुलाया जाता वो शख्स 

जो एक बार दिल में बस जाए ,

मोहब्बत की थी कोई 

टाइमपास नहीं .... 





जाओ ढूंढ लो 

हमसे ज्यादा चाहने वाला ,

मिल जाए तो खुश रहना और 

ना मिले तो हम फिर भी तुम्हारे है .... 




एक उम्र गवां दी हमने 

तेरी चाहत में ,

बहुत खुशनसीब होंगे 

तुझे मुफ़्त में पाने वाले ....

 




मोहब्बत के एहसास ने 

हम दोनों को छुआ था ,

फ़र्क सिर्फ इतना था की 

उसने किया था और 

मुझे हुआ था .... 




सच्ची मोहब्बत का अंजाम 

अगर निकाह होता ,

तो रुक्मणी की जगह 

राधा का स्थान होता ....

 




काश .... 

एक खवाहिश पूरी हो 

इबादत के बगैर ,

वो आकर गले लगा ले 

मेरी इजाजत के बगैर .... 





तुम मेरे घर के सामने रहती हो 

इतना गजब हो जाता ,

की दो छत की दूरी से 

मुझे चाँद नजर आता ....




 महफ़िल में गले मिल  के वो 

धीरे से कह गए ,

ये दुनिया की रस्म है इसे 

मोहब्बत मत समझ लेना .... !!!





एकतरफा मोहब्बत में 

लोग बदनाम नहीं होते है ,

बस इसी बात का 

सुकून है मन को .... 





हमने सोचा था की 

बताएंगे दिल का दर्द तुमको ,

पर तुमने इतना भी न पूछा 

की खामोशी क्यों हो .... 




वो मेरी किस्मत में नहीं ,

ये सुना है लोगों से ,

फ्री सोचता हूँ ,

किस्मत खुदा लिखता है 

लोग नहीं .... !!!!




नींद उड़ाकर मेरी 

कहते है वो की .... 

सो जाओ कल बात करेंगे ,

अब वो ही हमें समझाए  की 

कल तक हम क्या करेंगे ....

 




हमें कहाँ मालूम था 

इश्क होता क्या है ,

बस एक तुम मिल गए 

और जिंदगी मोहब्बत बन गई ..

 




इस एक तरफा इश्क का 

कुछ तो स्वाद होगा ,

अगर मुझे सब कुछ याद है 

तो तुझे भी तो कुछ याद होगा ....

 




तलब ऐसी .. 

की साँसों में समा लूँ तुझे 

किस्मत ऐसी की 

देखने को मोहताज हूँ तुझे ....

 




तुम उलझे रहे हमें 

आजमाने में ,

और हद से गुजर गए 

तुम्हें चाहने में....

 




होने तो दो जरा उनको 

भी तन्हा ,

फिर देखना याद हम भी 

उन्हे बेहिसाब आएंगे .... 





जब लिखा होगा मिलना 

तब मुलाकात हो जाएगी ,

यूं हर पल की बेसब्री 

बेचैनी बढ़ा देती है .... 




पहली मोहब्बत के लिए 

दिल जिसे चुनता है ,

वो अपना हो न हो ,

दिल पर राज हमेशा 

उसी का रहता है .... 





लाख मिठास सही 

तेरे लहजे में ,

तेरा औरों से बात 

करना जहर लगता है । 





रहेगी तकदीर से एक ही 

शिकायत हमेशा ,

जिसे उम्र भर चाहा ,

उसी को उम्र भर तरसे ॥

 




हर एक रिश्ते को 

नाम की जरूरत नहीं होती ,

जब कोई अजनबी 

अपना लगे ,

बस वही मोहब्बत है ॥ 





मत सोना किसी के गोद में 

सर रखकर कभी .. 

जब वो छोड़ता है तो,

रेशम के तकिये पर भी ,

नींद नहीं आती ॥

 




मिलों का सफर .. 

पल में बर्बाद कर गया ,

उसका ये कहना .... 

'कहो कैसे आना हुआ '?





जिंदगी की राहों में अक्सर 

ये होता है, 

दिल में कोई और तो 

हमसफ़र कोई और होता है ...




 

आज उनके पास हमारे 

लिए वक्त नहीं है ,

जो कभी हमसे बात किए 

बिना रह नहीं सकते थे ॥

 




अगर निभाने की चाहत 

दोनों तरफ से हो ,

तो कोई भी रिश्ता ,

कभी खतम नहीं होता ॥

 




पीतल की बालियों में 

बेटी ब्याह दी .. 

बाप मजदूर था सोने 

की खान में .... !!!



इश्क करना है तो 

रात की तरह करो ,

जिसे चाँद भी कबूल है और 

उसके दाग भी ॥ 




जब रूह में उतर जाता है 

बेपनाह इश्क का समंदर ,

लोग जींदा तो होते है ,

मगर किसी और के अंदर ॥ 





तेरी सादगी देखकर 

अभी संभले ही थे हम

तेरे होंठों तले तिल 

फिर घायल आकर गया ॥ 





 कुछ इस तरह खूबसूरत 

रिश्ते टूट जाया करते हैं ,

दिल भर जाता है तो 

लोग रूठ जाया करते हैं ॥ 





दिल हजार बार चिल्लाए 

चिल्लाने दीजिए ,

जो इंसान हाथ छूडाकर 

जाना चाहे उसको जाने दीजिए ॥ 




बिछड़कर फिर मिलेंगे 

यकीन कितना था ,

बेशक ख्वाब ही था 

मगर हसीन कितना था ॥ 




मोहब्बत तो 

छोटा सा शब्द है ,

मेरी तो जान बसती है 

आप में ॥ 




राधा -कृष्ण  का मिलन तो 

बस एक बहाना था ,

दुनिया को प्यार का सही 

मतलब जो समझाना था ॥ 




किसी के प्यार को पा लेना ही 

मोहब्बत नहीं होती है ,

किसी के दूर रहने पर पल पल 

उसको याद करना भी 

मोहब्बत होती है ॥ 




ये जो माँ की मोहब्बत 

होती है ना ,

ये सभी मोहब्बत की 

माँ होती है ॥ 




सारी दुनिया की खुशी 

अपनी जगह .. 

उन सबके बीच 

तेरी कमी अपनी जगह ॥ 




नहीं रहा जाता तेरे बिना 

इसलिए तुमसे बात करते है ,

वरना हमें भी कोई शौक नहीं 

तुझे यूं सताने का ॥ 




तु पास नहीं तो 

क्या हुआ ,

मोहब्बत तो हम तेरी 

दूरियों से भी करते हैं ॥ 




छोड़ दिया सबको 

बिना वजह तंग करना 

जब कोई अपना समझता 

ही नहीं तो उसको अपनी याद 

दिला कर क्या करना ॥ 




बहुत करीब से अनजान 

बनकर गुजरे है ,

जो कभी दूर से भी 

पहचान लिया करते थे ॥ 




 तुम्हें कितनी मोहब्बत है 

मालूम नहीं ,

मुझे लोग आज भी तेरी 

कसम दे कर मना लेते है ॥ 




नाराज तो नहीं थे 

तेरे जाने से मगर ,

हैरान थे की तुमने 

मुड़कर देखा तक नहीं ॥ 




गजब की मोहब्बत है वो 

जिसमें साथ रहने की 

उम्मीद बिल्कुल भी ना हो ,

फिर भी प्यार बेशुमार हो ॥ 




साल भर इश्क फरमाएंगे तुमसे ,

मेरी मोहब्बत ,

वेलेन्टाइन  डे की मोहताज नहीं ॥ 




खरीददार बहुत थे 

इस दिल के ,

बेच देते  अगर इसमें 

तुम ना होते ॥ 




कभी कभी बहुत 

सताता है मुझे ये सवाल ,

हम मिले ही क्यों थे 

जब मिलना ही नहीं था ॥ 




 नफरत भी नहीं है ,

गुस्सा भी नहीं हूँ 

पर तेरी जिंदगी का 

अब हिस्सा भी नहीं हूँ ॥ 




काम पड़ सकता है ,

आधे लोग तो रिश्ता ,

इसी वजह से निभा रहे है .... !!!!




कुछ जख्म इंसान के कभी 

नहीं भरते ,

बस इंसान उन्हें छुपाने का 

हुनर सिख जाता है ॥ 




अब उसे ना सोचूँ तो जिस्म 

टूटने लगता है ,

एक वक़्त गुजारा है 

उसके नाम का नशा करते करते ॥ 




फ़र्क था हम दोनों की 

मोहब्बत में ,

मुझे उससे ही थी और 

उसे मुझसे भी ॥ 




नए लोग जब मिलते हैं तो 

पुराने को भूल जाते हैं ,

मगर नए लोग जब 

दिल दुखाते हैं तो 

याद पूराने आते हैं ॥ 




बेशक लड़ाई किया करो 

नाराज रहा करो .. 

जिंदगी है इसका भरोसा नहीं ,

साथ रहा करो .... !!!




इंसान बहुत खुदगर्ज है ,

पसंद करें है तो .... 

बुराई नहीं देखता ,

नफरत करें तो .... 

अछाई नहीं देखता !!!




फक्त बाल रंगने से 

कुछ नहीं होता .... 

कुछ नादानियाँ भी किया 

करो जवान रहने के लिए .... |||




जब कोई आपसे दो कदम 

पीछे हटे तो उसे उम्रभर 

खुश रहने की दुआ देकर 

चार कदम पीछे हट जाने 

में ही भलाई है ॥ 




छीन लूँ  तुझे दुनिया से 

ये मेरे बस में नहीं 

मगर मेरे दिल से तुझे 

कोई निकाल दे ये भी 

किसी के बस की बात नहीं ॥ 





जिंदगी और मौत से किया 

वादा निभाना पड़ेगा ,

बस इतना ही था हमारा 

सफर अब जाना पड़ेगा ॥ 




जहां कदर ना हो 

वहाँ जाना फिजूल है ,

चाहे किसी का घर हो 

या किसी का दिल ॥ 




रहे दूरियाँ .... 

तो क्या हुआ ?

याद नजरों से नहीं ,

दिल से किया जाता है .... !!!!




कोई फर्क नहीं पड़ता की 

तुमने किसे चाह ,

हमें तो ये पता है की हमने 

तुम्हें चाह और बेपनाह चाह ॥ 




कुछ यूं ही चलेगा तेरा मेरा 

रिश्ता उम्रभर ,

मिल गए तो बातें लंबी

न मिले तो यादें लंबी ॥ 




 घर गुलजार , सुने शहर ,

बस्ती बस्ती में 

कैद हर हस्ती हो गई ,

आज फिर जिंदगी महंगी 

और दौलत सस्ती हो गई ॥ 




इश्क उसे भी था ,

इश्क मुझे भी था ,

बस 

उम्र बीच में या गई ॥ 




सालों बाद मिले वो 

गले लगाकर रोने लगे ,

जाते वक़्त जिसने कहा था 

तुम्हारे जैसे हजार मिलेंगे ॥ 





ना थी कभी मेरी तमन्ना 

तेरे बगैर रहने की ,

लेकिन मजबूर को मजबूर की 

माजबूरीयां  मजबूर कर देती है ॥ 




लाजमी है तेरा 

खुद पर गुरूर करना ,

हम जिसे चाहे वो मामूली 

हो भी नहीं सकती ॥ 




सिमटते जा रहे हैं दिल

और जज़्बातों के रिश्ते .... 

सौदा करने में जो माहिर है ,

बस वही कामयाब है .... !!!





किस हक से माँगूँ 

अपने हिस्से का वक़्त 

आपसे ,

क्योंकि ना आप मेरे हो 

और ना ही वक़्त मेरा ॥ 




दूसरा मौका सिर्फ 

मोहब्बत को दिया जाता है ,

जिस शख्स से 

मोहब्बा थी उसे नहीं ॥ 




जरूरी नहीं हर खवाब पूरा हो ,

सोचा तो उसे ही जाता 

है जो अधूरा हो ॥ 




सिर्फ तूने ही कभी मुझको 

अपना नहीं समझा ,

जमाना तो आज भी 

मुझे 

तेरा दीवाना कहता है ॥ 




किसी को क्या बताए 

कितना मजबूर है हम ,

चाह था सिर्फ के तुमको 

और अब तुमसे ही दूर है हम ॥ 




मोहब्बत जिंदगी बदल 

देती यही ,

मिल जाए तब भी 

और न मिले तब भी ॥ 




तुम जानते हो मेरे 

दिल की बात .... 

खैर छोड़ो ,

जानते तो मेरे होते ....!!!






तकलीफ ये नहीं की 

तुम्हें अजीज कोई और है ,

दर्द  तब हुआ जब 

हम नजरअंदाज किए गए ॥ 




 कितना खूबसूरत है 

उसका मेरा रिश्ता .... 

ना उसने कभी बाँधा 

ना हमने कभी छोडा ॥ 





यदि सेल्फ़ियों में इतनी ही 

सच्चाई होती तो ,

वरधाश्रम में बैठी 

ये असहाय माँ न होती ॥ 




खता उनकी भी नहीं है 

वो भी क्या करते ,

हजारों चाहने वाले थे 

किस -किस से वफ़ा करते ॥ 




 मुक्कमल ना सही 

अधूरा ही रहने दो ,

इश्क इश्क है ,

कोई मकसद तो नहीं ॥ 




एक बार ही बहकती है नजर 

इश्क सौ बार नहीं होता ,

यह दिल का सौदा है मेरी राधे 

हर बार नहीं होती ॥ 




माँ की जिद पर साड़ी  आई .. 

दीदी की जिद पर घड़ी ,

मेरी जिद पर पटाखे आए ,

पता नहीं फिर क्यों पापा ही 

पुरानी कमीज में नजर आए .... !!!




 ना पाया जिसे 

उसको खोना ही क्या ,

जो था ही नहीं 

उसके पीछे रोना ही क्या ॥ 




तुम्ही से रूठकर .... 

तुम्हें ही सोचते रहना ,

मुझे तो ठीक से 

नाराज होना भी नहीं आता ॥ 





भाई और बहन के प्यार में 

बस इतना अंतर है की 

रुलाकर जो मना ले 

वो भाई  है,

रुलाकर जो खुद रो पड़े 

वो है बहन ॥



चांदी उगने लगी है 

बालों पर ,

ये उम्र तुम पर हसीन 

लगती है ॥ 





क्यों करते हो मुझसे 

इतनी खामोश मोहब्बत ....

लोग समझते है इस 

बदनसीब का कोई नहीं ॥ 




मान लिया नहीं आता 

मुझे मोहब्बत जताना 

नादां तो तुम भी नहीं ,

समझ न सको 

शायरियों में जिक्र तुम्हारा ॥ 




किस मुकाम पर ले आई है 

ये मोहब्बत हमें ,

उसे पाया भी नहीं जाता 

और भुलाया भी नहीं जाता ॥ 





नहीं मिल कोई 

तुम जैसा आज तक ,

पर ये सितम अलग है 

की मिले तुम भी नहीं .... !!!!





मैं तुमसे अब कुछ नहीं 

माँगता ऐ  खुदा ,

तेरी दे के छिन लेने की 

आदत मुझे मंजूर नहीं ॥ 





दूर रहकर भी वो शख्स 

समाया है मेरी रूह में ,

करीब रहने वालों पर वो 

कितना असर रखता है .... !!!




थोड़ा सुकून भी ढूंढिए 

जनाब ,

ये जरूरतें तो कभी 

पूरी नहीं होगी .... !!!




बहुत तकलीफ होती है 

जब दोनों तरफ से 

प्यार हो लेकिन 

किस्मत में मिलना ना हो ॥ 




 ठुकराया हमने भी बहुतों को है ,

तेरे खातिर .... 

तुझसे फासला भी शायद उनकी 

बददुआओं का असर है .... !!!





कुछ मोहब्बतें सही 

शख्स से ,

गलत वक़्त पर 

गलत उम्र में हो जाती है ॥ 




किसी ने थोड़ा सा  अपना 

वक़्त दिया था मुझे ,

मैंने आजतक उसे इश्क 

समझ कर संभाल रखा है ॥ 




अगर कोई जोर देकर पूछेगा 

हमारी मोहब्बत की कहानी ,

तो हम भी धीरे से कहेंगे 

मुलाकात को तरस गए ॥ 




तुम्ही ने सफर करवाया था 

मोहब्बत की कश्ती पे ,

अब नजरें ना फेर 

मुझे डूबता हुआ भी देख ॥ 




कमाल की तकदीर 

पाई होगी उस शख्स ने .... 

जिसने मोहब्बत भी ना की होगी 

और तुम्हें पा भी लिया होगा ॥ 




कुछ शिकायतें बनी रहे 

तो बेहतर है ,

चाशनी में डूबे  रिश्ते 

वफादार नहीं होते .... !!!!





बात मोहब्बत की थी 

तभी तो लूटा डी जिंदगी तुझ पे ,

जिस्म से प्यार होता तो 

तुझ से भी हसीन चेहरे 

बिकते हैं बाजार में ॥ 





तुम्हें कोई और भी चाहे 

इस बात से दिल थोड़ा 

जलता है ,

पर फखर है मुझे इस बात पे 

कि हर कोई मेरी पसंद 

पे ही मरता है॥ 





अगर तुम समझ पाते 

मेरी चाहत की इंतेहा ....

तो हम तुमसे नहीं ,

तुम हुमसे मोहब्बत करते ॥ 





मेरी कदर तुझे उस दिन 

समझ आएगी ,

जिस दिन तेरे पास दिल तो 

होगा मगर दिल से चाहने 

वाला कोई नहीं होगा ॥ 






बिगड़ैल हैं .... 

ये यादें .... 

देर रात को 

टहलने निकलती हैं ॥ 






इश्क किसका

मुकम्मल हुआ है जनाब ,

जिसे तुम चाहते हो 

वो किसी और को चाहत है ॥ 






अधूरा है मेरा इश्क 

तेरे नाम के बिना ,

जैसे अधूरी है राधा 

श्याम के बिना ॥ 






हर मोहब्बत कामयाब हो 

ये जरूरी तो नहीं ,

आखिर मिसालें तो 

अधूरे इश्क की ही  दी जाती है ॥ 







कितने अजीब होते है 

ये मोहब्बत के रिवाज भी ,

लोग आप से तुम , तुम से जान 

और जान से अनजान बन जाते है ॥ 







मरने वाले तो एक दिन 

बिना बताए मार जाते हैं ,

रोज तो वो मरते है जो 

खुद से ज्यादा .... 

किसी और को चाहते है ॥ 






जिनकी आप कदर 

नहीं कर रहे है ना ,

यकीन मानो ,

कुछ लोग उन्हें 

दुआओ में मांग रहे है ॥ 







किसी की आदत हो जाना ,

प्यार होने से भी ज्यादा 

खतरनाक है ॥ 






किस बात की सजा दे 

रहे हो ,

प्यार किया इसलिए या 

तुमसे ज्यादा किया इसलिए ॥ 







हिसाब में तुम 

शुरू से ही कच्चे थे 

मैं लाखों सा सँवरती थी 

तुम चिल्लर में तारीफ करते थे ॥ 







बड़ी नादानी से पूछा उन्होंने 

क्या अच्छा लगता है ,

हमने भी धीरे से कह दिया 

एक झलक आपकी ॥ 







बेहद हदें पार की 

कभी हमने भी 

किसी के लिए ,

आज उसी ने सीखा दिया 

हद में रहना .... !!!!








कभी कभी पहली नजर 

कुछ ऐसे रिश्ते बना लेती है ,

जो आखिरी सांस तक 

छुड़ाने से नहीं छूटते ॥ 








असली सैंटाकलोज 

तो पिता होता है .... 

जो बच्चों को एक दिन नहीं 

जीवन भर खुशियां देता है ॥ 






 मुस्कुराने से शुरू और 

रुलाने पर खत्म ,

ये वो जुर्म है जिसे 

लोग मोहब्बत कहते हैं ॥ 








छोड़ दो ये बहाने 

जो तुम करते हो 

हमें भी अच्छे से मालूम है 

मजबूरीयां तभी आती है 

जब दिल भर गया हो .... !!!!







किसी की आदत बन 

जाओ ,

मोहब्बत खुद-ब -खुद 

हो जाएगी .. 








ऐब भी बहुत है मुझमें ,

और खूबियाँ भी .... 

ढूँढने वाले तु सोच ,

तुझे चाहिए क्या मुझमें ....!!!









कौन कहता है मोहब्बत 

एक बार होती है ,

मैं अपनी माँ को जितनी 

बार देखूँ ,

मुझे तो उतनी बार होती है .॥ 









इतने बेवफा नहीं है 

जो तुम्हें भूल जाएंगे ,

अक्सर चुप रहने वाले 

प्यार बहुत करते हैं ... 








धड़कन संभालूँ या 

सांस काबू में करूँ .... 

तुझे नजरभर देखने में 

आफत बहुत है ... 









मैंने खोया वो 

जो मेरा था ही नहीं ,

पर उसने खोया वो 

जो सिर्फ और सिर्फ उसी का था .... 









लहजा शिकायत का था 

मगर सारी महफ़िल 

समझ गई मामला 

मोहब्बत का है .... !!!





मत पूछो कैसे गुजरता है 

हर अपल तुम्हारे बिना .... 

कभी बात करने की हसरत 

तो कभी देखने की तमन्ना ॥ 



मुझे तलाश थी की कोई 

मुझ जैसा मिले ,

क्या खबर थी 

इस तलाश में तुम भी हो ॥ 



जो जाहीर करना पड़े 

वो दर्द कैसा ,

और जो दर्द ना समझ सके 

वो हमदर्द कैसा ॥ 



जो लम्हें तकदीर में 

लिखे नहीं होते ,

उन्हीं की आरजू को ही 

इश्क कहते हैं ॥ 









सूरत तो फिर भी 

सूरत है ,

मुझे तो तेरे नाम के 

लोग भी अच्छे लगते है ...!!!



चाहने वाले मिलते रहेंगे 

तुझे सारी उम्र ,

बस तू कभी जिसे भूल न पाए 

वो चाहत यकीनन हमारी होगी ॥ 



जिंदगी में कुछ लोग 

ऐसे भी होते हैं ,

जो वादे नहीं करते लेकिन 

निभा बहुत कुछ जाते हैं ॥ 








रिश्ते कभी कुदरती मौत 

नहीं मरते ,

इनका इंसान खुद कत्ल करता है 

कभी नफरत से ,

कभी नजर अंदाजी से ,

तो कभी गलतफ़हमी से ... 








ये शिकायत नहीं 

तजुर्बा है ,

कदर वालों की कोई 

कदर नहीं करता ॥ 



मैंने कब कहा 

वो मिल जाए मुझे ,

गैर ना हो जाए 

बस इतनी सी हसरत है ॥ 




कौन कहते है हम झूठ नहीं 

बोलते ,एक बार खैरियत तो पूछ 

के देखिए...!!!




कुछ तो खास है जो 

तुझे मुझसे जोड़े रखते है .... 

वरना इतना माफ तो 

मैंने खुद को भी नहीं किया .... !!!



तु हजार बार रूठे तो 

मना लूँगा तुझे 

मगर देख मोहब्बत में 

शामिल कोई दूसरा ना हो ... 



पता है तकलीफ क्या है 

किसी को चाहना ,

फिर उसे खो देना, 

और खामोश हो जाना॥ 



आखिर क्यों बस जाते है 

दिल में बिना इजाजत 

लिए वो लोग,

जिन्हें हम जिंदगी में कभी 

पा नहीं सकते ॥ 



हाल ऐसा है मेरा की 

तेरे ही गले लग कर ,

तेरी ही शिकायत 

करनी है मुझे ... 



उफ्फ़ ... कयामत है 

उनका इश्क भी ,

मोहब्बत भी करना चाहते है 

वो भी दोस्ती की आड़ में .... 



ना हक दो इतना की 

तकलीफ हो तुम्हें ,

ना वक़्त दो इतना की 

गुरूर हो हमें ... 




आपकी तरक्की की ,

हर किसी की जबान 

पर बात हो ,

जब भी कोई मुश्किल आए ,

माय फ्रेंड गणेशा आप के साथ हो .. 




जिंदगी का सफर 

अक्सर ऐसा होता है ,

पसंद कोई , किस्मत में कोई ,

बातें किसी और से और 

दिल में कोई और होता है .... 



मोहब्बत दिल में कुछ 

ऐसी होनी चाहिए ,

की हासिल भले दूसरे को हो 

पर कमी उसको जिंदगी भर 

हमारी होनी चाहिए ... 


मालूम है मुझे की 

ये मुमकिन नहीं मगर ,

एक आशा सी रहती है 

की तुम याद करोगे .... 



तु आए 

और लिपट जाए मुझसे 

उफ्फ़ 

ये मेरे महंगे महंगे ख्वाब .... !!!!



फिर वही शिकायतें 

शर्तें और इतनी पाबंदी ,

जनाब इश्क करते हो 

या एहसान .... 



आप किसी इंसान का दिल 

बस तब तक 

दुखा सकते हो ,

जब तक वो इंसान 

आपको प्रेम करता है .... 



बितानी तो एक उम्र 

है तेरे बिना और 

गुजरता तो एक लम्हा 

भी नहीं .... 


गलतियाँ भी होगी और 

गलत भी समझा जाएगा ,

यह जिंदगी है जनाब 

यहाँ तारीफ़ें भी होगी 

और कोसा भी जाएगा ... 



सोचो कितनी खूबसूरत हो 

जाएगी ये जिंदगी ,

जब दोस्त ,मोहब्बत और 

हमसफ़र तीनों एक ही 

इंसान बने .... 



तुझसे नाराज होकर तुझसे ही 

बात करने का मन ,

ये दिल का सिलसिला भी 

कभी ना समझ पाए हम .... 




माना की तेरी नजर में 

कुछ नहीं हूँ मैं ... 

मेरी कदर उनसे पूछो 

जिनको पलट कर कभी 

नहीं देखा मैंने सिर्फ तुम्हारे लिए .... 



आ लिख दूँ कुछ 

तेरे बारे में ... 

मुझे पता है की तु रोज 

ढूंढती है खुद को 

मेरे अल्फाजों  में ... 



तेरी आदत सी हो गई 

थी हमें ,

नहीं तो मालूम तो 

हमें भी था की 

तु नसीब में नहीं है .... 



नींद से क्या शिकवा 

जो आती नहीं रात भर ,

कसूर तो उन सपनों का है 

जो सोने नहीं देते ... 



 जरूरी नहीं हर चाहत का 

मतलब इश्क ही हो,

कभी कभी कुछ अनजान 

रिश्तों के लिए भी 

दिल बेचैन हो जाता है ....!!!!



दूरियों का गम नहीं 

अगर फासलें दिल में न हो .... 

नजदीकियाँ बेकार है अगर 

जगह दिल में ना हो....!!!!



ऐसा नहीं है की दिन नहीं 

ढलता या रात नहीं होती ,

सब अधूरा-अधूरा सा लगता है 

जब तुमसे बात नहीं होती .... 




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