Anokha Nuskha || अनोखा नुस्खा - मुल्ला नसीरुद्दीन की कहानीयां
- By Mr.HAK
- On जुलाई 20, 2021
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खोजा एक अच्छा हकीम भी था।
एक बार चर्बी से लड़ा एक सेठ उसके पास आया और उससे बोला, खोजा! मैं अपने मोटापे से बहुत परेशान
हूँ।
क्या तुम मेरी इस बीमारी का इलाज कर सकते हो ?
खोजा ने सेठ को ऊपर से नीचे तक बड़े गौर से देखा, फिर बोला, जरूर कर सकता हूँ।
सेठ बोला, मैं तुम्हें मुंह माँगा इनाम दूंगा। पर इलाज करने से पहले मेरी एक शर्त है।
वह क्या ? खोजा ने पूछा, मैं इलाज करवाऊंगा लेकिन इलाज के नाम पर एक चुटकी भर दवाई नहीं खाऊंगा।
मैं दवाई खाने से आजिज आ चूका हूँ, हाँ यदि तुम किसी और तरिके से इलाज कर सकते हो तो मुझे एतराज
नहीं होगा।
पर तुम इसका मतलब यह मत निकलना कि मैं इलाज नहीं करवाना चाहता। बोले मंजूर है।
खोजा ने कहा, कुछ ख़ास नहीं, मैं जो नुस्खा लिखा रहा हूँ, उसे घर जाकर पढ़ लेना।
इसके साथ ही खोजा ने एक कागज पर नुस्खा लिखा और उसके पुड़िया की तरह मोड़ कर सेठ के साथ पर
रख दिया।
नुस्खे में लिखा था - आप पंद्रह दिन के अंदर मर जाएंगे।
खोजा की हिदायत के अनुसार घर पहुंचकर सेठ ने जैसे ही वह अनोखा नुस्खा पढ़ा, उसकी तो पैरों तले
जमीन ही खिसकने लगी।
अगले ही पल सेठ पलंग पर ढेर हो गया। घबराहट के मारे न तो वह नान खा पाया और न एक घूंट चाय पी
सका।
अगले पंद्रह दिन में सेठ के मोटे शरीर की चर्बी ऐसे गायब हो गई जैसे कभी खोजा के गधे के सिर से सींग
गायब हुए होंगे।
सेठ की काया कंकाल मात्र रह गई।
जब पंद्रह दिन बीत गये तो फिर से वह खोजा के पास पहुंचा।
सेठ को देखते ही खोजा बोला, आप जरूर मुझे अपने इलाज के बदले इनाम देने आए होंगे।
सेठ झुंझलाकर बोला, खोजा! तुमने मुझे धोखा क्यों दिया ?
तुमने तो कहा था कि मैं पंद्रह दिन के अंदर मर जाऊंगा। फिर भी मैं जिन्दा कैसे हूँ ?
खोजा ने सेठ को आड़े लेते हुए कहा, ज्यादा चालाकी न दिखाइये, सेठ जी!
जो मेरे नुस्खे की बदौलत आपने फालतू चर्बी से छुटकारा पा लिया है, लाइये जल्दी से मेरी फ़ीस निकाल
दीजिये।
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